होली निबंध
होली पर्व के पीछे हिरन्यकश्यप और उसके बेटे प्रह्लाद की कहानी है| जब हिरन्यकश्यप को पता चला की उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त है तभी क्रोध में उसने अपनी बेहन होलिका के साथ मिलकर प्रहलाद को आग में जलाने की योजना बनाई पर कहते है अच्छाई पर बुराई की जीत अवश्य होती है| और इसी की ख़ुशी में लोगों ने एक-दुसरे को रंग लगाना शुरू कर दिया| उसी दिन से हर वर्ष होली का त्योहार रंगों और गुलालों के नाम से जाना जाता है| इस दिन लोग सारे गिले-शिकवे को भूल नए जीवन की शुरुआत करते है|
होली, रंगों का त्योहार, जिसके साथ हर्ष, उल्लास और एकता की भावना लाई जाती है। प्रतिवर्ष, जैसे ही वसंत की आगमन से नए आरंभ का संकेत मिलता है, गांवों में होली की धूमधाम सुरु होती है। "गांव की होली" का आयोजन गांव के लोगों के लिए एक अद्वितीय और प्रिय अनुभव होता है।
गांव की होली की तैयारियाँ दिनों पहले ही शुरू हो जाती हैं, जैसे-जैसे त्योहार का समय निकट आता है। गांव की सड़कें और चौकों में रंगीन पतंगों की बावली उड़ान भर जाती है, जो लोगों को आत्मरम्य और आनंद से भर देती है। गांव के लोग अपने घरों की सजावट में भी खास ध्यान देते हैं, उन्हें खूबसूरती से सजाने का अवसर मिलता है।
होली के दिन, गांव का माहौल उत्साह से भर जाता है। सभी लोग रंगों की खेलने की आत्मा में खो जाते हैं। लोग एक-दूसरे के साथ रंगों से खेलते हैं, गुजियां और मिठाई बांटते हैं, और एक-दूसरे के साथ आदर-सम्मान के भाव को महसूस करते हैं।
गांव की होली में खास बात यह है कि यहाँ लोग वैश्विक परिवर्तन के बावजूद अपनी परंपराओं को सम्मानित करते हैं। इस दिन, समाज में एकता का महसूस होता है, जैसा कि हर कोने से लोग एक-दूसरे के साथ होली का आनंद बांटते हैं।
होली का यह महत्वपूर्ण पर्व अच्छे और बुरे के बीच एक शांति के संदेश को लेकर आता है। इस अवसर पर, लोग अपने-आप को बुराई से मुक्त करते हैं और खुशियों की ओर बढ़ते हैं।
गांव की होली एक समृद्धि और खुशियों का पर्व है। यह गांव की सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता को दर्शाता है और लोगों को एक साथ लाने का काम करता है। गांव की होली में भाग लेने वाले लोग हमेशा इसे अपने जीवन का एक यादगार हिस्सा मानते हैं, जो उन्हें हमेशा याद रहेगा।
होली, भारतीय संस्कृति का एक अनूठा पर्व है जो हर साल अप्रत्याशित रंगों, उत्साह और उल्लास के साथ आता है। जब बात होती है शहर की होली की, तो यह एक अद्वितीय और रोमांचक अनुभव होता है। शहर की होली का अनुभव कुछ इस प्रकार होता है:
विविधता का स्वागत: शहर में होली के दिन, विभिन्न समुदायों के लोग एक साथ आते हैं और रंगों का एक खिलवाड़ करते हैं। यहाँ पर, लोग भिन्न-भिन्न धर्म, भाषा, और संस्कृतियों के होने के बावजूद एक-दूसरे के साथ खुशहाली और उत्साह के साथ खेलते हैं।
रंगों का उत्सव: शहर की होली में रंगों का खेल बिना किसी रोक-टोक के होता है। लोग रंगों के साथ खेलते हैं, गीत और नृत्य का आनंद लेते हैं, और खुशी के इस महौल का आनंद लेते हैं।
सांस्कृतिक एवं सामाजिक समृद्धि: शहर की होली एक सांस्कृतिक और सामाजिक समृद्धि का प्रतीक है। यह एक मौका प्रदान करती है कि लोग अपनी सामूहिक अनुभूति को साझा करें और समरसता का संदेश फैलाएं।
शहर की खासियतें: शहर की होली में विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है, जैसे कि म्यूजिकल नाइट्स, परेड्स, और विभिन्न प्रतियोगिताएं। इन गतिविधियों में भाग लेने से लोगों को अधिक उत्साह और मजबूत समर्थन मिलता है।
सजावट और अंदाज: शहर की होली में सड़कें और चौकों को खूबसूरती से सजाया जाता है। भव्य रंगों के डिज़ाइन और रंगों के आभूषण शहर को एक रंगीन रूप में सजाते हैं।
परिवार का समय: शहर की होली के दिन परिवार के सदस्य एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं और एक-दूसरे के साथ खेलने का मज़ा लेते हैं।
इस प्रकार, शहर की होली एक सामूहिक रंगबाज़ी और आनंद का प्रतीक है, जो लोगों को अपने साथियों के साथ एक साथ आनंद और समरसता की भावना में ले जाता है। यह एक विशेष रूप से महत्वपूर्ण पर्व है जो भारतीय संस्कृति के समृद्ध और अनूठे पहलुओं को प्रकट करता है।
‘होली’ रंगों के इस पवन पर्व के आते ही मानो चेहरे पर एक अद्बुध सी मुस्कान दिखती है| होली को ना जाने लोगो ने कितने रूप दिए, बचपन की होली हो या बुढ़ापे की उल्लास हमेसा एक सी ही होती है| आप सब ने वह मशहुर गाना तो सुना ही होगा ‘होली के दिन दिल खिल जाते है रंगों में रंग मिल जाते है|’ होली पर्व की महत्ता को उजागर करने वाले इस गाने की सादगी और सच्चाई को लोगो ने काफी हद तक अपनाया है| होली पर्व जितना अपने रंगों के लिए मशहुर है उतना ही अपनी मस्ती और ठिठोरीयों के लिए भी जाना जाता है| होली का उत्सव हर साल पूर्णं चन्द्रमा के दिन मार्च (फागुन) के महीने में मनाया जाता है। भारत के भिन्न-भिन्न जगहों पर होली अनोखे अंदाज में मनाया जाता है| वृन्दावन की लठमार होली से लेकर मथुरा की फूलोँ से सजी होली पुरे विश्व में प्रशिद्ध है| विदेशों में भी होली का खुमार सर चढ़ कर बोलता है| होली पर्व के नजदीक आते ही इन्टरनेट हॉलीवुड फ़िल्मी सितारों के ‘होली की शुभकामनाएं’ जैसे पोस्ट से भर जाता है| होली पर्व अपने साथ-साथ कई कहानियाँ और कथाये लेकर आता है| होलिका दहन की कहानी हो या प्रह्लाद जन्म की, सभी कहानियों का अपना एक अलग महत्त्व है| कहते है जिस तरह प्रह्लाद की अच्छाई और भगवान विष्णु के प्रति निष्ठा ने होलिका का नाश किया उसी भाती इस संसार में अच्छे लोगों की सज्जनता और इश्वर के प्रति विश्वास से बुराई का नाश अवश्य होगा| होलिका दहन वाले दिन लोग अग्नि के सामने होलिका को प्रणाम करते है ताकि बुराई का नाश हो और अच्छाई की जीत हो| उसी रात एक जगह इकठ्ठा होकर लकड़ी, घास, और गोबर के ढ़ेर को जलाकर होलिका दहन के रिवाज को संपन्न किया जाता है| इस खुशनुमा माहौल के सम्पन्न होते ही लोग अपने-अपने घर जा कर अगली सुबह की तैयारी में मग्न हो जाते है| इस एकता, प्यार और भाईचारे के पर्व को लोग काफ़ी हर्सोल्लास से मनाते है| अनेकों रंगों से भरे इस त्योहार की लोकप्रियता जग-जाहिर है| मनोरंजन की परिभाषा व्यक्त करते इस पर्व की झलक अनेक हिंदी फिल्मों में देखने को मिलती है| होली हमारे देश में राष्ट्रीय त्योहार की तरह मनाया जाता है, इस दिन सभी स्कूल, कॉलेज, विशवविद्यालय, कार्यालय, बैंक और दूसरे सभी संस्थान बंद रहते है ताकि सभी लोग अपने परिवार के साथ इस रंगीले त्योहार का लुत्फ़ उठा सके|
रंगों, खुशियों और पकवानों से भरे इस होली के त्योहार को भाईचारे के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है| इस दिन लोग अनेक रंगों और मस्ती-ठिठोरीयों के साथ होली के पावन पर्व का आगमन करते है| होली उत्सव के एक दिन पहले होलिका दहन मनाया जाता है जिसमे होलिका को जला कर बुराई पर अच्छाई की जीत के उदाहरण दिया जाते है| इस पावन मौके को लोग अपने परिवार और मित्रो के साथ मनाते है, कहते है होलिका दहन और होली के त्योहार में इतनी ताकत होती है की उस दिन लोग अपनी करवाहट भूल कर खुशियों को गले लगाते है|
होली भारत में मनाये जाने वाला एक खुशियों और रंगों से भरा पर्व है जो हिन्दुओं द्वारा बहुत ही हर्सोल्लास से मनाया जाता है| इस त्योहार को मनाते हुए लोग सरे मन-मुटाव को भूल जाते है, और सह-परिवार इस अनोखे दिन का आगमन करते है| भारत के अलग-अलग जगहों में होली भिन्न-भिन्न तरिकों से मनाई जाती है| कही ‘लठमार होली’ प्रशिद्ध है तो ‘कही फूलोँ से भरी होली’ जग-जाहिर है| सभी लोग अपने मनचाहे तरीके से इस त्योहार की महत्ता को उजागर करते है| यह त्योहार अपने अनेकों रंगों और पकवानों के लिए पुरे विश्व में प्रशिद्ध है|
होली, भारतीय समाज में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाने वाला पर्व है। यह त्योहार रंगों का उत्सव है जो खुशियों और प्यार का संदेश लेकर आता है। यह विशेष रूप से बच्चों के लिए एक अद्वितीय समय होता है, जब वे अपने दोस्तों के साथ खेलते हैं और रंग बिरंगे बल्लों से अपने दिलों की बातें करते हैं।
स्कूल में होली का उत्सव अधिकांशतः बच्चों के लिए बहुत रोमांचक और उत्साहजनक होता है। स्कूल के छात्र और छात्राएं होली के दिन अपने रंगों और पिचकारियों के साथ स्कूल में पहुंचते हैं। वे एक-दूसरे को रंग लगाकर खुशियों के बोझ को बांटते हैं।
होली के दिन स्कूल के प्रबंधन द्वारा कई विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इनमें रंग-बिरंगे संगीत संध्याएं, कविता पाठ, नृत्य और कई अन्य प्रतियोगिताएं शामिल होती हैं। छात्रों के बीच एक-दूसरे के साथ खेल और मिलने का वातावरण बनता है।
स्कूल वाली होली बच्चों के लिए न केवल मनोरंजन का स्रोत होती है, बल्कि यह उन्हें समाजी सांस्कृतिक मूल्यों के साथ जोड़ती है। होली के इस उत्सव के माध्यम से वे साथ मिलकर एक-दूसरे के साथ प्यार और समरसता का संदेश बांटते हैं। इससे उनका टीमवर्क और साथी तालमेल मजबूत होता है।
इस प्रकार, स्कूल में होली का उत्सव एक अद्वितीय अनुभव होता है जो बच्चों को रंगों के साथ-साथ समाजी सांस्कृतिक मूल्यों को भी सिखाता है। यह एक ऐसा मौका होता है जब वे खुशियों के साथ सीखते हैं और अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण पल का आनंद उठाते हैं।
होली भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो रंगों के खेल के साथ हर किसी को एक साथ लाता है। कॉलेज वाली होली भी इसी उत्साह और रंगों के धूमधाम का हिस्सा है।
कॉलेज में होली के दिन सभी छात्र-छात्राएं उत्सव की तैयारियों में व्यस्त होते हैं। वे अपने दोस्तों के साथ मिलकर रंगों का खेल खेलते हैं, गाने गाते हैं और एक-दूसरे के साथ खुशियों का संदेश बांटते हैं।
कुछ कॉलेज आयोजित करते हैं होली की विशेष कार्यक्रम, जैसे कि रंगों का मुकाबला, नृत्य प्रतियोगिता, गीत संध्या, आदि। छात्रों को अपनी पसंदीदा होली गीतों के साथ नृत्य करने का मौका मिलता है और वे इस अवसर पर समुदाय के साथ अच्छे संबंध बनाते हैं।
कॉलेज में होली के दिन अक्सर विभिन्न क्लब और संगठनों की संगीत संध्याएं भी आयोजित की जाती हैं, जहां छात्र-छात्राएं अपने आप को खोलकर मनोरंजन का आनंद लेते हैं।
कॉलेज वाली होली छात्रों को सामाजिक समरसता, एकता, और सहयोग की भावना सिखाती है। इसे अपने दोस्तों और साथी छात्र-छात्राओं के साथ मनाने का एक अद्वितीय और रोमांचक अनुभव माना जाता है।
सम्पूर्ण रूप से, कॉलेज वाली होली छात्रों के लिए एक अनोखा अनुभव होता है जो उन्हें न केवल मनोरंजन का एक सुंदर पल प्रदान करता है, बल्कि साथ ही साथ सामाजिक सांस्कृतिक मूल्यों को भी बढ़ावा देता है।
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